"कबीर दास के दोहे हिन्दी में" - कबीरा खड़ा बाज़ार में माम्गे सब की खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर!... http://t.co/0g7Q0TN1yX

कबीर दास के दोहे हिन्दी में
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कबीरा खड़ा बाज़ार में माम्गे सब की खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर! बुरा जो देखन में चला, बुरा ना मिलया कोई, जो मन खोजा आपना तो मुझ से बुरा ना कोई चलती चाक्की देख के दिया कबीरा रोए दुइ पाटन के...
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