नाम भीमराव का जब मुंह से निकल जाता है,
दर्दमंदों का कलेजा भी दहल जाता है,
उनके गम में हर एक इन्सान बहाता आंशू,
मोम क्या चीज़ है पत्थर भी पिघल जाता है,
दर्दमंदों का कलेजा भी दहल जाता है,
उनके गम में हर एक इन्सान बहाता आंशू,
मोम क्या चीज़ है पत्थर भी पिघल जाता है,
जय भीम
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